Wednesday, December 22, 2010

कौन है हम और किसने हमें ये अधिकार दिया है की हम अपने अपनों को उस रास्ते पर छोरे जिन्होंने हमें उस रास्ते पर चलना सिखाया । सायद कंही ना कंही कुछ कमी, भूल धुंध सा है जिसे है हम समझ नहीं पा रन्हे है या समझने की कोसिस नहीं करना चाहते है।
ना जाने किस ओर हम दौर रन्हे है जिसकी झूठी मंजिल को हम देखते हुए अपने अपनों को भूलते हुए उस ख़ुशी को पाने के लिये जिसकी मंजिल उसी रास्ते से गुजरती है जिसे हम भूलते हुए गुजर रहे है .